ARMY DAY : 15 जनवरी को ही क्यों मनाया जाता है जानिए……

क्या है आर्मी डे?

सेना दिवस के अवसर पर पूरा देश थल सेना की वीरता अदम्य साहस और शौर्य की कुर्बानी की दास्ताँ को बयान करता है। जगह-जगह कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। दिल्ली में सेना मुख्यालय के साथ-साथ देश के कोने-कोने में शक्ति प्रदर्शन के साथ-साथ भारतीय सेना की मुख्य उपलब्धियों पर कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।

सेना दिवस, भारत में हर वर्ष 15 जनवरी को लेफ्टिनेंट जनरल (बाद में फ़ील्ड मार्शल) के. एम. करियप्पा के भारतीय थल सेना के शीर्ष कमांडर का पदभार ग्रहण करने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है।

उन्होंने 15 जनवरी 1949 को ब्रिटिश राज के समय के भारतीय सेना के अंतिम अंग्रेज शीर्ष कमांडर जनरल रॉय फ्रांसिस बुचर से यह पदभार ग्रहण किया था। यह दिन सैन्य परेडों, सैन्य प्रदर्शनियों व अन्य आधिकारिक कार्यक्रमों के साथ नई दिल्ली व सभी सेना मुख्यालयों में मनाया जाता है। इस दिन उन सभी बहादुर सेनानियों को सलामी भी दी जाती है जिन्होंने कभी ना कभी अपने देश और लोगों की सलामती के लिये अपना सर्वोच्च न्योछावर कर दिया।

15 अगस्त 1947 को जब भारत स्वतंत्र हुआ, तब देश भर में व्याप्त दंगे-फसादों तथा शरणार्थियों के आवागमन के कारण उथल-पुथल का माहौल था। इस कारण कई प्रशासनिक समस्याएं पैदा होने लगी और फिर स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सेना को आगे आना पड़ा। इसके पश्चात एक विशेष सेना कमांड का गठन किया गया, ताकि विभाजन के दौरान शांति-व्यवस्था सुनिश्चित की जा सके। परन्तु भारतीय सेना के अध्यक्ष तब भी ब्रिटिश मूल के ही हुआ करते थे। 15 जनवरी 1949 को फील्ड मार्शल के एम करिअप्पा स्वतंत्र भारत के पहले भारतीय सेना प्रमुख बने थे। उस समय भारतीय सेना में लगभग 2 लाख सैनिक थे। उनसे पहले यह पद कमांडर जनरल रॉय फ्रांसिस बुचर के पास था। उसके बाद से ही प्रत्येक वर्ष 15 जनवरी को सेना दिवस मनाया जाता है। के एम करिअप्पा पहले ऐसे अधिकारी थे जिन्हें फील्ड मार्शल की उपाधि दी गई थी। उन्होंने साल 1947 में भारत-पाक युद्ध में भारतीय सेना का नेतृत्व किया था।

सेना दिवस के उपलक्ष्य में प्रत्येक वर्ष दिल्ली छावनी के करिअप्पा परेड ग्राउंड में परेड निकाली जाती है, जिसकी सलामी थल सेनाध्यक्ष लेते हैं। 2018 में 70 वाँ सेना दिवस मनाया गया, जिसमें परेड की सलामी जनरल बिपिन रावत ने ली। फील्ड मार्शल ( एफएम के रूप में संक्षिप्त ) एक पांच सिताराअधिकारी रैंक और भारतीय सेना में सर्वोच्च प्राप्य रैंक है। फील्ड मार्शल को सामान्य से तुरंत ऊपर रैंक दिया गया है, लेकिन नियमित सेना संरचना में व्यायाम नहीं किया गया है। यह काफी हद तक औपचारिक या युद्धकालीन रैंक है, जिसे केवल दो बार सम्मानित किया गया है। एक फील्ड मार्शल के प्रतीक में एक पार किए गए लाठी और कृपाण पर कमल के पुष्पांजलि में राष्ट्रीय प्रतीक शामिल हैं

भारतीय फील्ड मार्शल का स्कन्ध अधिचिह्न

सैम मानेकशॉ भारत के पहले फील्ड मार्शल थे , और जनवरी 1973 में पद से सम्मानित किया गया दूसरे थे एम करियप्पा, 14 जनवरी 1986 फील्ड मार्शल पर रैंक प्रदान किया गया भारतीय में बेड़े के एक एडमिरल के बराबर है नौसेना या भारतीय वायु सेना में वायु सेना के एक मार्शल। नौसेना में, बेड़े के एडमिरल कभी नहीं से सम्मानित किया गया है, लेकिन वायु सेना से, अर्जन सिंह वायु सेना के मार्शल करने के लिए प्रोत्साहित किया गया था।

इसलिए इस ऐतिहासिक क्षण को सम्मानित करने और भारतीय सेना के जज्बे को सलाम करने के लिए हर साल 15 जनवरी को सेना दिवस मनाया जाता है। इस खास दिन देशभर के सभी सेना मुख्यालयों और राष्ट्रीय राजधानी में सेना परेड का आयोजन किया जाता है। ये परेड सैनिकों के अनुशासन, शौर्य और देशभक्ति का शानदार प्रदर्शन होता है।


15 जनवरी का यह दिन विशेष तौर पर हमारे भारतीय रणबांकुरों के लिए ही मनाया जाता है। नाम दिया गया है ‘आर्मी डे’। लेकिन 15 जनवरी ही सेना के लिए खास तारीख के रूप में क्यों चुनी गई, इसके बारे में आगे बताएंगे। उससे पहले बता दें कि देश आज 76वां आर्मी डे मनाएगा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मुख्य अतिथि होंगे। यह आयोजन यूपी की राजधानी लखनऊ में होगा। तो आइए आपको बताते हैं कि 15 जनवरी भारतीय सेना के लिए क्यों खास है।

आजका 76वां सेना दिवस उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में मनाया जाएगा। यह लगातार दूसरी बार होगा जब आर्मी डे का आयोजन देश की राजधानी दिल्ली से बाहर हो रहा है। इससे पहले 2023 में बेंगलुरु के गोविंदस्वामी परेड ग्राउंड में आयोजित हुआ था। आर्मी चीफ मनोज पांडे ने कार्यक्रम में शामिल भी हुए थे। आज लखनऊ में मनाए जा रहे सेना दिवस के दौरान सूर्य खेल परिसर में परेड के बाद शौर्य संध्या का आयोजन किया जाएगा। जिसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे। इस आयोजन में मार्शल आर्ट के विभिन्न रूपों सुखोई और किरण विमानों द्वारा फ्लाई पास्ट के साथ-साथ कई सैन्य प्रदर्शन होंगे

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